
अपमान मत करना नारियों का इनके बल पर जग चलता है मर्द जन्म लेकर तो, इसी की गोद में पलता है.

बीवी को इज्जत देने वाले पति औरत के गुलाम नहीं होते वह एक ऐसी मां के बेटे होते हैं जिसने उन्हें औरत की इज्जत करना सिखाया होता है

सहने वाले को अगर सब्र आ जाए तो कहने वाले की औकात दो टके की हो जाती है.

ये जरुरी नहीं रौशनी के लिए घर में चिराग ही हो, बेटियां भी ऐ
ज़माने वालों घर को रोशन करती हैं.

लड़कियां
अपनी पसंद का सूट ना हो तो त्यौहार नहीं
मनाती पर एक नापसंद इंसान के साथ
माॅं बाप की खुशी के लिए सारी जिंदगी गुजार देती है ।

















