Bhagwat Geeta Motivational Quotes, Bhagwat Geeta Famous Lines

अपकीर्ति मृत्यु से भी बुरी है।

आसक्ति से कामना का जन्म होता हैं।

मन बड़ा चंचल है, मनुष्य को मथ डालता है, अतः बहुत बलवान है।

नैराश्यं परमं सुखम् (निराश परम सुख है।)

कार्य में कुशलता का योग कहते है।

परमात्मा को प्राप्ति के इच्छुक ब्रम्हचर्य का पालन करते है।

जो अपने हिस्से का काम किये बिना ही भोजन पाते है, वे चोर है।
“असत का अस्तित्व नहीं है और सत का नाश नहीं है। नित्य रहने वाले देह की यह देह नाशवान कही गई है।”
“ईश्वर सब प्राणियों के ह्रदय में वास करता है, और अपनी माया के बल से उन्हें चाक पर चढ़े हुये घड़े की भांति घुमाता है।”
“क्रोध से मुर्खता उत्पन्न होती हैं, मूढ़ता से भ्रान्ति, भ्रान्ति से बुध्दि का नाश, और बुध्दि के नाश से प्राणी का नाश होता हैं।”
“सर्वत्र समभाव रखने वाला योगी अपने को सब भूतों में, और सब भूतों को अपने में देखता है।”