बेटी पर कुछ सुंदर लाइनों वाली शायरी और कविता
जिसने बेटी जनी नहीं वो पीर परायी क्या जाने बेटे बेटी में फर्क क्या है.... बेटी का प्यार वो क्या जाने...
जिसने बेटी जनी नहीं वो पीर परायी क्या जाने बेटे बेटी में फर्क क्या है.... बेटी का प्यार वो क्या जाने...
सांवरिया के आगे खड़ा हूँ, कर जोड़, मारो गाडी को संभाले मेरे डाटा रणछोड़। हे साँवरिया, आपके हृदय में, मुझे उम्रकैद...
अपमान मत करना नारियों का इनके बल पर जग चलता है मर्द जन्म लेकर तो, इसी की गोद में पलता है....
ज्ञान, गुण, बल और भक्ति अगर सरलता से एक जगह रह सकते हैं, तो ऐसे प्राणी साधु जगत में हनुमान कहलाते...
कोई और देव नहीं हनुमान जैसा दूजा, कर लो मन से तुम हरदम बजरंगी की पूजा जिस घर होता राम-नाम का...
धन भी रखते हैं, गन भी रखते हैं और सुन बेटा, थोड़ा बच के रहना वरना, ठोकने का जिगर भी रखते...