फिजा में महकती शाम हो तुम,प्यार में झलकता जाम हो तुम सीने में छुपाये फिरते हैं हम यादें तुम्हारी इसलिए मेरी जिंदगी का दूसरा नाम हो तुम
ए-हसीन मेरा गुलाब कबूल कर, हम तुमसे बेइन्तहा इश्क़ करते हैं, अब नहीं इस ज़माने की परवाह हमको, हम अपने इश्क़ का इज़हार करते हैं, तुम नादानी समझो या शैतानी हमारी, हम हर घडी तेरा इंतजार करते हैं।
इस कदर हम यार को मनाने निकले, उसकी चाहत के हम दीवाने निकले, जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा, तो उसके होठों से वक़्त ना होने के बहाने निकले!
हम अपने प्यार का इजहार इसलिए नहीं करते है,
क्योंकि हम उनके “हाँ” या “ना” से डरते है
अगर उन्होंने “हा” करदी तो “खुशी से मर जायेंगे”
और
अगर “ना” करदी तो “रो रो कर मर जायेंगे”
प्यार के दो लब्ज़ क्या कहेंगे हाल-ए-दिल
जब दिल का हर एक तार तेरा ही नाम गुनगुनाता हैं
लेकिन आज किसी ने कहा हैं कि मुहूर्त अच्छा हैं
इसलिए ये पैगाम आज मेरी मोहब्बत का इज़हार करता हैं
मेरे दिल की मजबूरी को कोई इल्जाम ना दे,
मुझे याद रख बेशक मेरा नाम ना ले,
तेरा वहम है की मैंने भुला दिया तुझे,
तेरा वहम है की मैंने भुला दिया तुझे,
मेरी एक सांस ऐसी नही जो तेरा नाम ना ले !!
सच्चे प्यार को ये कमबख्त आँखे कह ही देती हैं
पर आज हम लब्जो से कुछ कहना चाहते हैं
क्या मेरे सनम तुझे क़ुबूल हूँ मैं
मेरे दिल के हर कोने में बस तेरा ही नाम हैं
चाहे तो चीर के देख ले बस तेरा ही गुलाम हूँ मैं
तुज़े जो छह दिल से है, मगर लगता नहीं आज कहे पाउँगा, यादें जो दास्ताँ बन गयी है, इजहार करके मेरे नसीब को आजमाऊँगा
मुझे खामोश राहों मै तेरा साथ चाहिए, तनहा है मेरा हाथ तेरा हाथ
चाहिए, जूनून-ई-इश्क को तेरी ही सौगात चाहिए, मुझे जीने के लिए तेरा ही
प्यार चाहिए !!
तुमसे मिलने की आज ख्वाइश रखी है
दिल ने आज तेरी दीदार की ख्वाइश रखी है
फ़ुरसत मिले तो ख़्वाबों में आ जाना
हमने सपनों में तेरे लिए जन्नत सजा रखी है !!
मोहब्बत करो तो रूह से करना ऐ हमसफ़र ..
सुना है दिल तो अक्सर भर जाया करते है !!
देखो अंधेरा मुझे अब अपनी ओर खींच रहा है
उस से पहले आकर तुम मेरा हांथ थाम लो ना !!
सच्चे प्यार को ये कमबख्त आँखे कह ही देती हैं
पर आज हम लब्जो से कुछ कहना चाहते हैं
क्या मेरे सनम तुझे क़ुबूल हूँ मैं
मेरे दिल के हर कोने में बस तेरा ही नाम हैं
चाहे तो चीर के देख ले बस तेरा ही गुलाम हूँ मैं
तुज़े जो छह दिल से है, मगर लगता नहीं आज कहे पाउँगा, यादें जो दास्ताँ बन गयी है, इजहार करके मेरे नसीब को आजमाऊँगा
मुझे खामोश राहों मै तेरा साथ चाहिए, तनहा है मेरा हाथ तेरा हाथ
चाहिए, जूनून-ई-इश्क को तेरी ही सौगात चाहिए, मुझे जीने के लिए तेरा ही
प्यार चाहिए !!
तुमसे मिलने की आज ख्वाइश रखी है
दिल ने आज तेरी दीदार की ख्वाइश रखी है
फ़ुरसत मिले तो ख़्वाबों में आ जाना
हमने सपनों में तेरे लिए जन्नत सजा रखी है !!
मोहब्बत करो तो रूह से करना ऐ हमसफ़र ..
सुना है दिल तो अक्सर भर जाया करते है !!
देखो अंधेरा मुझे अब अपनी ओर खींच रहा है
उस से पहले आकर तुम मेरा हांथ थाम लो ना !!
सच्चे प्यार को ये कमबख्त आँखे कह ही देती हैं
पर आज हम लब्जो से कुछ कहना चाहते हैं
क्या मेरे सनम तुझे क़ुबूल हूँ मैं
मेरे दिल के हर कोने में बस तेरा ही नाम हैं
चाहे तो चीर के देख ले बस तेरा ही गुलाम हूँ मैं
तुज़े जो छह दिल से है, मगर लगता नहीं आज कहे पाउँगा, यादें जो दास्ताँ बन गयी है, इजहार करके मेरे नसीब को आजमाऊँगा
मुझे खामोश राहों मै तेरा साथ चाहिए, तनहा है मेरा हाथ तेरा हाथ
चाहिए, जूनून-ई-इश्क को तेरी ही सौगात चाहिए, मुझे जीने के लिए तेरा ही
प्यार चाहिए !!
तुमसे मिलने की आज ख्वाइश रखी है
दिल ने आज तेरी दीदार की ख्वाइश रखी है
फ़ुरसत मिले तो ख़्वाबों में आ जाना
हमने सपनों में तेरे लिए जन्नत सजा रखी है !!
मोहब्बत करो तो रूह से करना ऐ हमसफ़र ..
सुना है दिल तो अक्सर भर जाया करते है !!
देखो अंधेरा मुझे अब अपनी ओर खींच रहा है
उस से पहले आकर तुम मेरा हांथ थाम लो ना !!