क्यों रुकूँ मैं, क्यों झुकूं मैं इस बेरहम संसार से ! जो है पाया, है जो खोना सब नियति का...
शहीदों की आत्मा है पुकार रही, हे! राष्ट्रदेव अब मौन भंग करो । कब तक लाशें गिनवाओगे ! क्या जीवन...
रक्त पिपासु बन बैठा जग, भौतिक सुख पाने को ! है संकीर्णता नस-नस में घुल चुकी, भाई, भाई का प्राण...
मौन रहूँ या फिर रो लूँ, आकण्ठ शोक है भर आया ! कीमत इतनी है गिर चुकी जीवन की, क्षण...
बिहार की जनता हैं हम, USA या HongKong की नहीं ! हिम्मत नहीं है हममें, अन्याय के विरुद्ध खड़े होने...
दीन प्रजा, संतप्त हृदय से जब आवाज लगाती है ! भाव विह्वल हो, जननायक तब देव स्वरूप उभरते हैं !!...
मेरे भी कई ख्वाब थे अक्ल थी,जवाब थे जिंदगी से आस थी ! उमंग था उन्नति का, कुचल गया जो...
सुलग रही है सरजमीं ओ उबल रहा है रक्त युवानों का ! मातृभूमि की पुकार सुन, उठ खड़ा हुआ सम्पूर्ण...
प्रत्येक पल हूँ सोचता मैं, क्योंकर आया इस धरा पर । उद्देश्य क्या है और क्यों है ! कब तलक...
It is my joy in life to find At every turn of the road, The strong arm of a comrade...