मत पूछ ज़िन्दगी कैसे गुजरती है तन्हाई में,
आँखों से बरसते हैं आँसू उनकी जुदाई में,
न जाने किस जुर्म की सजा मिली है मुझे,
बहुत रोता है दिल मेरा उनकी बेवफाई में।
मत पूछ ज़िन्दगी कैसे गुजरती है तन्हाई में,
आँखों से बरसते हैं आँसू उनकी जुदाई में,
न जाने किस जुर्म की सजा मिली है मुझे,
बहुत रोता है दिल मेरा उनकी बेवफाई में।