मेरे बच्चे तुझे और क्या चाहिए,
बूढ़े माँ बाप ने तुझको अपनी जवानी दी हैं।
हर इंसान अपनी चाहत को चाहता हैं,
पत्नी को प्यार करता हैं, लेकिन माँ-बाप को पूजता हैं।
याद रखना –
माँ बाप उमर से नहीं, फिकर से बूड़े होते हैं, कड़वा हैं मगर सच हैं।
माँ की ममता और पिता की क्षमता का
अंदाजा लगाना भी संभव नही हैं।
इज़्ज़त भी मिलेगी दौलत भी मिलेगी,
सेवा करो माँ बाप की, जन्नत भी मिलेगी।
माँ-बाप के लिए क्या शेर लिखूं,
माँ-बाप ने मुझे खुद शेर बनाया हैं।
जिस घर में माँ-बाप की कदर नहीं होती,
उस घर में कभी बरकत नहीं होती।
माँ बाप का हाथ पकड़कर रखिये,
लोगो के पांव पकड़ने की जरूरत नही पड़ेगी।
टुकड़ों में बिखरा हुआ किसी का जिगर दिखाएँगे,
कभी आना भूखे सोए बच्चों के माँ बाप से मिलाएँगे।
घेर लेने को मुझे जब भी बलाएँ आ गईं,
ढाल बन कर सामने माँ-बाप की दुआएँ आ गईं।