Mausam Shayari
Created At: 18/05/2023, 06:44:00
Updated At: 18/05/2023, 06:44:00
पहले छप-छप से आती थी बारिश बिना छाते के निहलाती थी बारिश अब ऑफिस की
खिड़की से झाकती हैं हँस कर मुझ पे, जोरो से चिढाती हैं बारिश
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Created At: 18/05/2023, 06:44:00
Updated At: 18/05/2023, 06:44:00
पहले छप-छप से आती थी बारिश बिना छाते के निहलाती थी बारिश अब ऑफिस की
खिड़की से झाकती हैं हँस कर मुझ पे, जोरो से चिढाती हैं बारिश
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