Top 80 Romantic Shayari In Hindi, Love Shayari in Hindi
हिंदी में रोमांटिक शायरी
तू मोहब्बत है मेरी इसीलिए दूर है मुझसे…अगर जिद होती तो शाम तक बाहों में होती ।
वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी , फिर क्यों उसे चाँद और मुझे आवारा कहते हैं लोग ?
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है, वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं.
मेरे बारे में इतना मत सोचना , दिल में आता हूँ , समझ में नही ।
वो मुझे नफ़रत करें या प्यार करें, मैं तो एक दीवाना हूँ.
दूर बैठे रहोगे, पास न आओगे कभी, ऐसे रूठोगे तो जान ले जाओगे कभी.
थोड़ी थोड़ी ही सही मगर बातें तो किया करो ,चुप रहते हो तो भूल जाने का एहसास होता है.
बात इतनी सी थी ,कि तुम अच्छे लगते थे. अब बात इतनी बढ़ गई,कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता.
वो मेरे दिल से बाहर निकलने का रास्ता न ढुंढ सके ,दावा करते थे जो मेरी रग-रग से वाकीफ होने का.
कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी,हजारो अपने है मगर याद तुम ही आते हो.
कभी तो हिसाब करो हमारा भी ,इतनी मोहब्बत भला कौन देता है उधार में.
दिलो जान से करेंगे हिफ़ाज़त उसकी बस एक बार वो कह दे कि मैं अमानत हूं तेरी ।
कुछ तुम्हारी निगाह काफिर थी,कुछ मुझे भी खराब होना था।
इश्क की पतंगे उडाना छोड़ दी .वरना हर हसीनाओं की छत पर हमारे ही धागे होते.
नज़र से दिल में उतरना, बड़ी बात नहीं,जो रूह में उतरो, तो कोई बात बने.
ये दिल ही तो जानता है मेरी पाक मोहब्बत का आलम ,कि मुझे जीने के लिए सांसो की नही तेरी जरुरत है .
हक़ से दे तो “नफरत” भी सर आंखों पर ,खैरात में तो तेरी “मोहब्बत” भी मंजूर नहीं ।
Romantic Shayari On Love
तेरी सूरत को जब से देखा है मेरी आँखों पे लोग मरते हैं.
तुम खुश-किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है वरना, हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है !!
तू Reply नही दे रही इसका मतलब ये नही की attitude है तेरे में, तुझे डर है की तू मुझसे प्यार ना कर बैठे.
जिसकी सजा सिर्फ तुम हो ,मुझे ऐसा कोई गुनाह करना है .
तेरी आँखों से दो घूंट शराब क्या पी ली ,दिल को चढ़ गया इश्क का जहर .
ज़रा शिद्दत से चाहो तभी होगी आरज़ू पूरी हम वो नहीं जो तुम्हे खैरात में मिल जायेंगे.
इश्क़ तो बस नाम दिया है दुनिया ने, एहसास बयां कोई कर पाये तो बात हो .
कहाँ से लाएँ अपनी बेगुनाही के पक्के सबूत,दिल, दिमाग, नजर सब कुछ तो तेरी कैद में हैं।
धड़कनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल,अभी तो पलकें ही झुकाई है मुस्कुराना अभी बाकी है उनका.
खूश्बु कैसे ना आये मेरी बातों से यारों,मैंने बरसों से एक ही फूल से जो मोहब्बत की है ।
कैसे हो जाऊँ मैं तुम से जुदा, धडकन के बग़ैर कोई जिन्दा रह सकता है भला.
Romantic Shayari On Love
इतनी मिन्नतों के बाद रुबरू हुए हो,समझ नही आता तुम्हे देखूँ या तुम मे खो जाऊँ .
ये नजर नजर की बात है कि किसे क्या तलाश है ,तू हँसने को बेताब है , मुझे तेरी मुस्कुराहटों की प्यास है.
मेरी बात सुन पगली अकेले हम ही शामिल नही है इस जुर्म में, जब नजरे मिली थी तो मुस्कराई तू भी थी.
हमने तो उस शहर में भी किया है इंतज़ार तेरा,जहाँ मोहब्बत का कोई रिवाज़ न था....!
उनकी चाल ही काफी थी इस दिल के होश उड़ाने के लिए ,...अब तो हद हो गई जब से वो पाँव में पायल पहनने लगे .
नजर में डूबके न आ सके किनारे पे,अजी हम मर गये थे आपके इशारे पे.
वो खुद पर गरूर करते है, तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं,जिन्हें हम चाहते है, वो आम हो ही नहीं सकते !!
न जवाब न कोई सवाल रहता है ......मुझे सिर्फ तेरा ख़याल रहता है.
दिल मे छूपा रखी है मोहब्बत काले धन की तरह, खुलासा नही करता हू कि कही हंगामा ना हो जाये.
पागल नहीं थे हम जो तेरी हर बात मानते थे , बस तेरी खुशी से ज्यादा कुछ अच्छा ही नही लगता.
बदले नहीं जज्बात मेरे वक़्त के साथ तुझे बेपनाह प्यार करने की ख्वाइश आज भी है.
मेरा होकर भी गैर की जागीर लगता है,दिल भी साला मसला-ऐ-कश्मीर लगता है.
तमाम शर्तों पे जो मिले, वो किस काम की बेशर्त जो मिले, उसी मोहब्बत पे दिल हारूँ.
"कुछ नहीं है ख़ास इन दिनों,
तुम जो नहीं हो पास इन दिनों..."
अब उठती नहीं हैं आँखें, किसी और की तरफ ...पाबन्द कर गयीं हैं शायद, किसी की नज़रें मुझे.
आ मिलकर दुआ करे हमारे प्यार के लिए.... एक हाथ तेरा और एक हाथ मेरा हो.
कहने देती नही कुछ मूह से मोहब्बत तेरी,लब पर रह जाती हे आ के शिकायत तेरी.
ना जाने वो कौन सी डोर है, जो तुझ संग जुङी है.दूर जायें तो टूटने का ङर है, पास आयें तो उलझने का डर है.
वक़्त को देखा हैं मैंने उड़ते हुए,अक़्सर जब तुमसे मुलाक़ात होती हैं.
मैंने गले में सारे ताबीज डाल के देखे हैं पर, जो तेरी यादों को रोक सके वो धागा मिला.
यूँ तो हर बात सहने का जिगर है ,बस एक तेरा नाम है जो मुझे कमजोर कर देता है .
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना,जरा से भी चुके तो महोब्बत हो जायेगी.
शुक्र है कि ये दिल सिर्फ़ धड़कता है,अगर बोलता तो कयामत आ जाती.
दिल में रहने की इजाजत नहीं मांगी जाती, ये तो वो जगह है जहाँ कब्जा किया जाता है .
यूँ तो शिकायते तुझ से सैंकड़ों हैं मगर , तेरी एक मुस्कान ही काफी है सुलह के लिये.
वो सामने है मेरे , और मुझ से जुदा भी है. वो गुनहगार है मेरा और खुदा भी है.
मेरे दिल में तेरे लिए प्यार आज भी है माना कि तुझे मेरी मोहब्बत पर शक आज भी है नाव में बैठकर जो धोए थे हाथ तूने पूरे तालाब में फैली मेंहदी की महक आज भी है ।
मेरी ही तसवीर बनानी थी मुझे ,पर उसमे न जाने क्युं सभी रंग तुम्हारे निकलें.
तुमको आता है प्यार पर गुस्सा ,मुझे तो गुस्से पर प्यार आया है .
तुमको आता है प्यार पर गुस्सा ,मुझे तो गुस्से पर प्यार आया है .
दिल ने आज फिर तेरे दीदार की ख्वाहिश रखी है अगर फुरसत मिले तो ख्वाबों मे आ जाना !
हो न हो कुछ तो खास बात है तुझमें,वरना यू रगों मै हर कोई बहता नहीं।
दो बूंद मेरे प्यार की पी ले,जिन्दगी सारी नशे मे गुज़र जाएगी.
हाथ पकड ले पगली अभी तेरा हो सकता हूँ, भीड़ बहुत है खो भी सकता हूँ.
मेरी़ ना रात कटती है , ना ज़िन्दगी वो पगली मेरे वक़्त को इतना धीमा कर गयी.
मेरी रूह तरसती है तेरी खुशबू के लिए ,तुम कहीं और जो महको तो बुरा लगता है।
जानता हूँ तुम सो गई हो, मुझे पढ़ते हुए ,मगर मैं रातभर जागूँगा, तुम्हे लिखते हुए ।
राज़ खोल देते हैं नाज़ुक से इशारे अक्सर, कितनी खामोश मोहब्बत की जुबां होती है.
उसकी निगाहों में इतना असर था ,खरीद ली उसने एक नज़र में ज़िन्दगी मेरी.
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता,बात करना न सही , देखना तो नसीब होता.
अजीब रंग में गुजरी है जिंदगी अपनी.दिलो पर राज़ किया और मोहब्बत को तरसे.
तुझे ख़्वाबों में पाकर दिल का क़रार खो ही जाता है,मैं जितना रोकूँ ख़ुद को तुझसे प्यार हो ही जाता है.
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर .तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है।
इश्क़ तो बस नाम दिया है दुनिया ने, एहसास बयां कोई कर पाये तो बात हो .
तुमसे मिलने को बे-करार था दिल
तुमसे मिलकर भी बे-करार ही रहा ।।
रहने दे मुझे यूँ उलझा हुआ सा तुझमें,
सुना है सुलझ जाने से धागे अलग अलग हो जाते हैं.
सँवारे #आख़िरत या #ज़िंदगी को...
कहाँ इतनी भी #मोहलत आदमी को....
उसने कहा, आजकल
कुछ लिखा नहीं जाता,
भाव बिखर से जाते हैं,
मैंने कहा....,
कागज़ कोरा छोड़ दो,
जो पढ़ ले, समझ लेना
शायरी उसी के लिए थी
फ़क़त एक चांद गवाह था मेरी बेगुनाही का,
और अदालत ने पेशी अमावस की रात मुकर्रर कर दी...
मुझे इंतज़ार रहेगा तमाम उम्र तेरा...,
इश्क़ मुझे तुझसे ही नहीं...तेरे होने से भी है...!
वो आँखों से इतना कह गये....
जो जुबान ना कह सकी.....
*गजब का प्यार था... उसकी उदास आँखो में,*
*महसूस तक ना होने दिया कि वो छोड़ने वाली है*
दस्तूर कुछ दुनिया के...
वो हमें गले लग के निभा गये...
समझना ना इश्क़ इस अदा को...
कानों मे ये फरमा गये...।
मेरा दिल आपकी तरफ कुछ यूँ झुक सा जाता है ...
किसी बेईमान बनिए का तराजू हो जैसे..
और कितना परखोगे तुम मुझे
क्या इतना काफी नहीं कि मैंने तुम्हें चुना है
तुम्हारी कहानी का हिस्सा नहीं मैं
पर मेरी हर कहानी का शीर्षक हो तुम
आँसुओं की रज़ा इतनी है...
तनहाइयों मे हम चले आएंगे....
तुम सोचना भर मिलने की महफिलों में....
हम मज़ाक कब युँही बना जाएंगे....
अकेले ही तय करने होते है कुछ सफर
जिन्दगी के हर सफर में हमसफर नहीं होते
तमाम दर्द सीने में छुपाये रखता हूँ ,
हंसी होंठो पे सजाये रखता हूँ l
ख़बर हो जाये न कहीं मैं ज़िंदा हूँ ,
सांसों को में दबाये रखता हूँ ll
इर्द गिर्द मायूसी भटकने न दे,
आँखों में आँसू छलकने न दे...
पसंद मेरी लाजवाब होती है
उदाहरण तुम्हारा ही ले लो
*"लब" तो खामोश रहेंगे...ये "वादा" है मेरा..."तुमसे".....*
*अगर "कह" बैठी...कुछ "निगाहें"...तो "खफा" मत होना.......*
ये जो आज लिख पा रहा हूँ....
तेरे दिये दर्द का तसव्वुर ही है...
खुद को बयान कर जाँउ...
इतनी मेरी हस्ती कँहा....
बदल तो दुँगा कायनात खुदा की...
तू भी तो पहले छूकर मुझे..
खुदा बना के दिखा।....
चल रहे हो तो बताने की ज़र्रूरत नहीं,
कही रुक गये तो कोई पूछेगा नहीं ...।
सोच तो लूँ तुम्हें अपना बनाने की...
रूह से छूकर,
दिल मे उतर जाने की...
कहती है दुनिया...
फरिश्ते हैं कुछ इंसान के भेष में...
यूँ ना सोच इन्हें इतना ज़मीन से उठाने की...
हम उन को सोच में गुम देख कर वापस चले आए
वो अपने ध्यान में बैठे हुए अच्छे लगे हम को
कसक बनके बसे हो दिल मे....
साँस बनके बसते तो क्या बात होती....
guroor kalam pe apni
mujhe bas itna sa hai
k muqaabla khuda se ho
to bhi umeed mujhe poori hogi
फ़िराक़ में खुद को यूं उलझा रहा हूँ,
तेरी तस्वीर बना रहा हूँ मिटा रहा हूँ ।
तेरी आँखों के इशारों का सबब..
मुझ तक ही खोया है..
कोई और समझने लगे...
तो फना हो जाए....
मर गए हम.. खुली रही आँखे...
ये तेरे इंतज़ार की हद थी...
Vaada Karne Wale Log Apne Vaado Se Mukar Jaate Hain,
Aise Hi Log Kyu Zindagi Me Baar Baar Aa Jaate Hai.
सारी उमर करके बरबाद इश्क की इज्जत चख़ ली
उसने भी बुरक़ा पहन लिया हमने भी दाढ़ी रख ली....!!
यकीन करो आज उसने तुम्हें छोड़ा है,,,
कल कोई और उसे भी छोड़ देगा...
कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको...
जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके...!!
कदमों को अपने मेरे दिल की तरफ मोड् दो...
पथराई आँखों से कब तक तेरा इंतजार करूँ...
भगवान के दर पर भी....
एक गुनाह यूँ आम हो गया...
पत्थरों को पूजने मे...
कुछ फूलों का कत्ल रिवाज़ हो गया...
पहले रिमझिम....थोडा सन्नाटा..और फिर
अचानक जम के बरसना,
ये तुम्हारी आदतें और 'जुलाई' की फितरत...
दोनों एक जैसे हैं
जो न देते थे जवाब , उनके सलाम आने लगे...
वक़्त बदला तो, मेरे नीम पे आम आने लगे...
तेरे रसूख से भी ऊंची हैं हसरतें मेरी....
दिल मे उतरोगे तो पहचान लोगे...
रोज मुँह उठा कर चली आती ह यादे तेरी
तुमने इन्हें बताया नही इतवार की छुट्टी होती है।
तेरा प्यार ही मेरी जान है ,
शायद इस हकीकत से तु
अनजान है।
मुझे खुद नहीं पता मैं कौन हूं ,
क्यौंकि तेरा प्यार ही मेरी पहचान है।
खामोशियाँ भी शोर करने लगी हैं....
कदमों की तेरी आहट सुनकर.....
तिरछी नज़रों से हमें देख कर...
घायल ना किया करो..
दिल का मरीज हूं...
तीर के वार झेल ना पाऊंगा...
कौन कहता है कि वो मेरे खुदा नहीं....
मैं कहता हुँ की वो मुझसे जुदा नहीं..
खुदाई तो दी है इस रब ने भी मुझे...
सब की तरह वो मुझे मिलता नहीं...
मुद्दतों बाद वो बोले.. मरते हैं तुम पर...
और हम ये सुनकर ही मर गए.
किसी दिन तू भी आएगी दर-ए-दरबार पर मेरे,
बस लम्हा ऐ खुदा वो मेरी मौत से पहले का हो।।
कुछ तो खास बात है अदाओं मे तेरी...
युंही नहीं मैं तेरा गुलाम हुआ..
दूर कर देता हु बुरे वक़्त में ख़ुद से हर उस शक्स को जो मुझे अज़ीज़ है ......
और वो ही शक्स मुझे बेवफ़ा कहे तो फिर वफ़ा क्या है ....
बारिश में इस बार की मज़ा कुछ कम सा है .....
दिल में इस बारी दर्द ज़रा कम जो है .....
ये रातें भी तो तेरी याद की पहरी हैं..
न जाने कब तू सरहदों की भोर को पार करके आएगी..
उसने इतना कह के फोन रख दिया कि कोई आ गया..!!
मै आजतक समझ ना पाआ घर मे या जिंदगी में..!!
तेरी खुदाई मे ऐसा उलझा हुँ साथी मेरे...
ना दिन अपने हैँ.... ना रात मेरे..
मेरे हाथों में कुछ भी तो नहीं , फिर छूटता क्या है ?
कोई अपना बिछुड़ता है तो , भीतर टूटता क्या है ?
मुआवजा पाया है मैंने तुम्हें पाकर..
उमर् भर की तनहाइयों से....
वक़्त के साथ नज़ारा बदल जायेगा
अपनों का सहारा बदल जायेगा
मैने कहा हुजूर वक़्त का इंतकाम तो देखिये
वक़्त क्या, ये जहां सारा बदल जायेगा।
एक पुराने दुख ने पूछा क्या तुम अब भी वही रहते हो?
मैने कहा चले मत आना वह घर मैने बदल दिया है।
सरका भर था आँचल चेहरे से उनके...
फरिश्तों के मुँह से भी वाह खुदा ही निकला...
हजारो रातो में एक रात होती है।
जब मेरी तुझसे बात होती है।
बचकानी बातें
चलिए कुछ बचकानी बातें करते हैं,
हर वक्त की समझदारी तो बोझ है।
Har saans guzar rahi hai sirf naam Tera lekar....
tu saamne to
uth khada ho na jaaun to kehna...
मेरे हर मर्ज का ईलाज है तेरे पास...
इक बार बस तू खून मे मेरे उतर के दिखा....
तुम्हें किसी और की तकदीर में कैसे जाने दूं...!!
मेरा वश चले तो तुम्हें किसी के सपनों में भी ना आने दूं...
तेरी इक जिद ने किस हाल में ला दिया है हमें,,
जो जज्बात थे कभी सिर्फ तुम्हारे लिए..
अब सारा जमाना पढ़ रहा है.
yun mujhe na dekh maanjhi mere...
teri aankhon ka shikar ab tak hu main...
*नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली,*
*रहे दोनों खामोश पर बात करली,*
*मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया,*
*इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली !!*
aankhon ke raste Dil me utar gya hai koi....
Lagi thi aankh Meri abhi...
Aankhon see Meri nindon ko chura le gya hai koi..
मैं चुप था तो चलती हवा रुक गई
ज़ुबां सब समझते हैं जज़्बात की।
वाह वाह तो बहुत हुई महफ़िल में हमारी शायरी पे,
पर आपने नज़र उठा के देख लिया वो काफी था हमारे लिए....️
मोहब्बतें अगर नाक़ाम ना होती
तो वफ़ा का जिक्र कौन करता।
छिलता रहता है...दिल मेरा आये दिन,
मखमली लोगों की खुरदुरी बातों से !!
तुम राहे-वक्त में बदलते जा रहे हो।
तुम तन्हा रास्तों पर चलते जा रहे हो।
क्यों दूर-दूर रहते हो जिन्दगी से तुम?
बेखुदी की शक्ल में ढलते जा रहे हो।
गहराइयों को समझने में उम्र बीत जाती है,
यूँ ही नहीं पहाड़ आसमान छू जाते हैं!
मान जाता हूं बस ज़रा सी मान मनुहार से..!
अब बचपन सी जिद्दी वो जिद ना रही..!!
*शायरी वो लोग करते हैं सनम*
*जिनकी आँखों में दर्द रोता है*
*बाकी एक दिन ऐसा आयेगा*
*कि आपके ही प्रोग्राम में*
*आपकी गैरहाजिरी होगी*
*बचाकर दौलते एहसास रखें भी तो क्या रखें*
*यँहा तो रोज़ ही किरदार के फैशन बदलते हैं*
*पीपल के पत्तों जैसा मत*
*बनो*
*जो वक्त आने पर*
*सूख कर गिर जाते है*
*बनना है तो मेहँदी के पत्तों जैसा*
*बनो*
*जो पिस कर भी*
*दूसरों की जिंदगी में*
*रँग भर देते हैं ।*
कसक भी, टीस भी, गम भी, नज़र भी, जान भी, दिल भी
बड़ी गुलज़ार रहती है अकेलेपन की महफ़िल भी
जिनकी हंसी खूबसूरत होती है
उनके जख्म काफी गहरे होते है
हम जिसे छिपाते फिरते हैं उम्रभर,वही बात बोल देती है
शायरी भी क्या गजब होती है,हर राज खोल देती है
बदल दिया है मुझे,
मेरे चाहने वालो ने ही,
वरना मुझ जैसे शख्स में,
इतनी खामोशी कहाँ थी..
संभल कर किया करो, गैरों से हमारी बुराई,
तुम्हारे जो अज़ीज़ है, वो हमारे मुरीद है साहिब..
कितनी बेचैनियाँ हैं आज भी मेरे जेहन में तुझे लेकर..
मगर तेरे पहलु मे जो सुकून मिला वो और कहीं मिला नहीं मुझे......
मेरे लफ़्ज़ों पर रूठने वाले
अब तू मेरी ख़ामोशी पर जश्न मना।
थोड़ा गम भी दिखाना पड़ता है साहब इस दुनिया को,
हरपल खुश रहने वालों को यहाँ लोग पागल समझा करते है..
सीने की जगह कान में धड़के है मेरा दिल,
जब से कहा है उसने कि "हम फ़ोन करेंगे"
Usse dekhte hi Dil se ek awaaz aati hai,
Zindagi usi k saath bitaane ka faisla suna jati hai,
Sehmat Hun Mein Bhi uss faisle se,
Par usse yeh bataane mein Zubaan ladkhada jati hai.
न जाने कई बार रोज़ तेरी गली से गुज़रता हूँ,
न उम्मीद हो चुका फ़िर भी क़दमो को नहीं रोकता हूँ।
"अश्क बन कर आँखों से बहते हैं,
बहती आँखों से उनका दीदार करते हैं,
माना की ज़िंदगी मे उन्हे पा नही सकते,
फिर भी हम उनसे बहुत प्यार करते हैं."
वो जो बैठ जाते हैं घड़ी दो घड़ी पास मेरे...
सारा आलम हसीन सा लगने लगता है ....
जब साँस आख़री आए, और दो लफ़्ज़ कहने की बस मोहलत हो,
एक नाम तुम्हारा लूँ, दूजा नाम मुहब्बत हो...
तुम समझ ना पाओगे कभी मेरी मोहब्बत को शायद ......।।
के मुझे अपनी हसरत कहने की आदत जो नहीं है .....।।
मैं अन्धेरा हूं तो अफसोस क्यूं करूं..!
मुझे गुरूर है..रोशनी का वजूद मुझसे है..
जाने किस गम को छुपाने की, तमन्ना है उसे,
आज उसे हर बात पर,हँसते हुए देखा है मैने..!!
Chandni Raat, Tum Hoti Meri Baahon Mein..
Dhadakta Zor Se Dil, Jab Dekhta Tumhari Nigahon Mein..
मन को बाँध लिया है यूँ तुमने,
जैसे साँसो की डोरी तुमसे बँधी हो
वक़्त भी वक़्त पर क्या कमाल का वक़्त दिखाता है .....
ना जाने कितनी ग़लतफ़हमियो की असलियत दिखाता है ....
इश्क तो बेपनाह हुआ कसम से,
गलती बस ये हुई कि हुआ तुमसे..
उलझा रहता हूँ हर शाम इसी कश्मकश में...
लिखूं तेरे लिए या फिर वो जो तुझे पसंद आये।
बदल दिये हैं हमने अब नाराज होने के तरीके,
रूठने की बजाय बस, हल्के से मुस्कुरा देते है!!
चंदा को ताकूँ रातों में
है ज़िन्दगी तेरे हाथों में
पलकों पे झिलमिल तारें हैं
आना भरी बरसातों में
हमको इतना बुरा भी न समझना दोस्तों...
दर्द लिखते जरूर हैं, किसी को देते नहीं...
ग़ज़ब की दीवानगी है.... तुम्हारी मोहब्बत में...
तुम हमारे नहीं.... फिर भी हम तुम्हारे हो गए..
कहीं दर्द तो कहीं खुशियाँ, कहीं है आसमान और कहीं हैं जमीन
कभी खट्टी तो कभी मीठी है, ये जिंदगी है बड़ी हसीन....
मेरी मोहब्बत का एक ही असूल हैं,
तुम जैसी भी हो मुझे क़बूल हैं...!!!
Badal Jaao Agr Tum..??..
Mujhe Batana Na...
Badalne Ke Baad Mujhe..
Kabhi Najar Aana Na..
लड़-झगड़ कर ही सही
तुमसे उलझे रहना भी तो इश़्क है
प्यार हैं बहुत तुम पर...
कैसे दिखाओ...........
आ गले लग जा एक बार
फिर सुनाऊँ मेरी धड़कन की पुकार.
मोहब्बत तो हैं बहुत तुमसे...
बस कहे नहीं पाते....
एक दिन भी तुम ना दिखो तो रह नहीं पाते..!
कभी आहट, कभी ख़ुशबू, कभी नूर से आ जाती है !
तेरे आने की ख़बर मुझे दूर से आ जाती है !!
ज़िन्दगी की हक़ीक़त अब समझ आने लगी है,
जिस "चाँद" से पहुंचती थी ठंडक कभी,
उसकी रोशनी अब दिल जलाने लगी है।
साँसे तो यूँ भी चलती है, और चल ही रही है,
पर जीता में तब हुँ, जब तू क़रीब होती है
किसी पे रंग चढ़ते देखा
तो किसी को रंग बदलते देखा
मोहब्बत कोई तस्वीर नहीं जनाब जो देख लोगे
एक एहसास है जो चुपके से दिल में दस्तक देता है...
ढलती हुई वो शाम अधूरी थी बहुत .....
मगर ज़िंदगी से ये मुलाक़ात ज़रूरी थी बहुत !!
न जाने कौन सी शिकायतों का
हम शिकार हो गए ,
जितना दिल साफ़ रखा
उतने ही गुनहगार हो गये