Ek din ham bhi kafan odh jayenge Sab rishte is jameen se tod
jayenge Jitna bhin chahe saata lo tum mujhe Ek din rota hua sabki
chhod jayenge
छोड़कर चला जाऊं अब तेरी यह दुनिया,
मेरे दाता मुझको इतनी सी इज़ाज़त दे दे,
मैंने पायी है नफरत सदा तेरी दी ज़िन्दगी से,
मौत तो अब लगा ले गले, इतनी मोहब्बत दे दे
खबर मरने की जब आये तो
यह न समझना हम दगाबाज़ थे..
किस्मत ने गम इतने दिए,
बस ज़रा से परेशान थे ..
हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे;
वो भी पल पल हमें आजमाते रहे;
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया;
हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।
यहाँ गरीब को मरने की इसलिए भी जल्दी है साहब,
कहीं जिन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाए।
मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई,
मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई,
ऐ खुदा कुछ पल की मोहलत और दे दे,
उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई।
Ab maut se keh do ki narazgi khatm kar le, Vo badal gaya hai
jiske liye hum jinda the
मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम,
गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।
मेरे मरने के बाद किसी को
कोई ख़ास फ़र्क़ तो नहीं होगा;
बस एक तन्हाई रोयेगी
की मेरा हमसफ़र चला गया !
जीना सीख लिया बेवफाई के साथ अब तो,
खेलना सीख लिया अब दर्द से हमने,
दिल किस कदर टूटा है क्या बताएं
मरने से पहले कफ़न ओढ़ना सिख लिया हमने !
मेरे मरने के बाद मेरी कहानी लिखना,
कैसे बर्बाद हुई मेरी जवानी लिखना,
और लिखना की मेरे होंठ खुशी को तरसे,
कैसे बरसा मेरी आँखो से पानी लिखना.
कशिश तोह बहुत है मेरे प्यार मैं,
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलता नहीं,
अगर मिले ख़ुदा तो माँगूंगी उसको,
सुना है ख़ुदा मरने से पहले मिलते नहीं.
मेरे ज़ख्मो को हवा दे रहे हो,
किस बात की यह सजा दे रहे हो,
हमने तो कोई गुस्ताखी नहीं की,
फिर क्यों मरने की बद्दुआ दे रहे हो.
Yun toh haadso me... guzri hai hamrai zindagi, Haadsa ye bhi
kam nahi ki hume maut na mili
मेरी रूह भी शायद भटकेगी दुनिया में,
सुना है प्यार करने वाले मरते नहीं कभी
क्या करेंगे जी कर हम बिन यार के खुदा,
देख मरने से भी दिलवाले डरते नहीं कभी
मुझे ना जीने की ख़ुशी हैं अब,
और ना ही मरने का हैं गम,
उनसे मिलने की दुआ भी नहीं करते हम,
क्युकी अब हर शाम है उनकी यादो के संग
सबने कहा इश्क़ दर्द है,
हमने कहा ये दर्द कबुल है,
सबने कहा इस दर्द के साथ जी नहीं पाओगे,
हमने कहा इस दर्द के साथ मरना कबुल है.
मेरे मरने के बाद तुम
पर एक इलज़ाम होगा
कफ़न उठा के देख लेना
मेरे होटों पर तेरा ही नाम होगा
हम अपनी मौत खुद मर जाएंगे सनम,
आप अपने सर क्यों इल्जाम लेते हो,
जालिम है दुनिया ना जीने देगी आप को,
आप क्यों अपनी जुबा से मेरा नाम लेते हो.
Badtar hai maut se bhi gulami ki zindagi, Mar jaiyo magar ye
gawara na kijiyo
मरने वाले होंगे तेरे हुस्न के लाखों शरीफ,
तेरी सादगी पे मरने वाला पहला शैतान हैं ||
असर तो बहुत था बद्दुआओं में तेरी,
कुछ अपनों की दुआए मुझे मरने नहीं देती ||
किश्तों में खुदखुशी कर रही हैं ये जिंदगी
इंतजार तेरा मुझे मरने भी नहीं देता ||
खौफ नहीं मरने का,
मैं इश्क़ मौत से करता हूँ
लाल हूँ मैं धरती माँ का,
हिंदुस्तान को दिल में रखता हूँ ||
जहाँ जिंदगी हैं जीने को इतनी बड़ी
वही मैं खुद से ही, खुद के लिए, मरने की, दुआ कर रहा हूँ ||
मियाँ क्यों न मरने दुश्मन के घर ना जाय जाएँ
शर्त अगर हतेली पर लाश को जलाया जाएँ ||
आज कल लोग जीते जी इंसान को मार देते हैं
तो मरने के बाद क्या खाख उन्हें याद रखेंगे |
Maut ek sacchai hai, Uss me koi aib nahi, Kya leke jaoge dosto,
Kafan me koi jeb nahi
मरने के बाद क्यों बुलाती हैं दुनिया,
ना जाने की कौन सी कसर रह जाए,
मरने के बाद भी जलाती हैं दुनिया
मरने वाले को रोने वाले हजार मिल जाएंगे,
मगर जो जिन्दा हैं उसे समझने वाला एक भी नहीं मिलता |
गरीबी और खुद्दारी भी बा कमाल हैं साहब
एक जीने नहीं देती, दूसरी मरने नहीं देती ||
थोड़ा रूठना थोड़ा मना लेना चाहता हूँ
की मरने से पहले सबसे प्यार जाता लेना चाहता हूँ ||
जो जीते जी हाल तक नहीं पूछते
मरने के बाद कंधा दे, दो आंसू बहा जाते हैं ||
कभी सिसकने का, कभी आह भरने का
समय ही नही है,,,,,,,,
जीने का न सही, कह ना पाओ गे इक दिन,
आज मरने का समय ही नही है,,,,,,,
पता नहीं कौन सा जहर मिलाया था तुमने मोहब्बत में
ना जिंदगी अच्छी लगती हैं और ना ही मौत आती हैं |
Ehsaan karo ki duao me meri maut mangna... Ab jee bhar gaya hai
zindagi se
हद तो ये हैं की मौत भी तकती हैं दूर से,
उसको भी इंतजार हैं मेरी खुदखुशी का |
जहर पीने से कहाँ मौत आती हैं,
मर्जी खुदा की भी चाहिए मौत के लिए |
इश्क़ से बचिए जनाब
सूना हैं धीमी मौत हैं ये ||
अपनी मौत भी क्या मौत मौत होगी
एक दिन यु ही मर जाएंगे तुम पर मरते मरते |
ना जाने मेरी मौत कैसे होगी
पर ये तो तय हैं की तेरी बेवफाई से तो बेहतर हैं |
मैं जानना चाहता हूँ,
हम में क्या अच्छा हैं
चल दोस्त,
मरने चलते हैं ||
साज़-ए-दिल को महकाया इश्क़ ने,
मौत को ले कर जवानी आ गई.
गर जो मेरे मरने से,
तेरे सारे मसले हल हो जाए,
ऐसी जिंदगी से तो बेहतर हैं,
हम तेरी ख़ुशी के लिए मर जाए |
सुलगती जिन्दगी से मौत आ जाये तो बेहतर है
अब हमसे दिल के अरमानों का मातम नही होता.